Sunday, April 25, 2010

वाह रे 'सानिया भाभीÓ

बात बीते हफ्ते की है। शोएब मलिक केकिसी दोस्त ने पाकिस्तान से सानिया मिर्जा को फोन किया और पूछ लिया...भाभी कैसी हो...। बस सानिया के जेहन में शायद सिरहन दौड़ गई। उन्होंने इस बात को मीडिया से शेयर किया कि किसी ने उनको भाभी कहा है। यह सुनना उनके लिए बड़ा अजीब था क्योंकि वह हमेशा सानिया...सानिया सुनने की आदी थी। इस बात को मीडिया भी ले उड़ा...और लगा दी पेज वन पर एंकर टाइप की खबर...'सानिया नहीं, सानिया भाभीÓ। लोगों ने खूब चटकारे ले ले कर खबरें पढ़ी।

अब चूंकि ये सानिया थी और इनको पड़ोसी मुल्क के किसी अपने ने भाभी कहा था सो खबर बननी भी थी। पता नहीं इसमें किसी को हैरत हुई या नहीं लेकिन मुझे इस पर उतनी ही हैरत हुई जितनी शायद सानिया को हुई होगी। होनी भी लाजिमी थी। क्योंकि हमारे यहां बेटियों की परवरिश उस अंदाज में की जाती है कि कभी उनको कोई भाभी, चाची, आंटी या फिर मामी पुकारेगा तो उनको झटका न लगे। कोई बड़े कुनबे वाला छोटा सा बच्चा दादी भी कह सकता है, लेकिन ये सब सुनने में बहुत अजीब नहीं लगता। अब चूंकि सानिया, सानिया मिर्जा हैं...इसलिए उनको ये शब्द बड़ा अटपटा लगा।

मुझे एक वाकिया याद है। मेरे एक रिश्तेदार हैं। प्रदेश की बड़ी शख्सियत हैं और लखनऊ में रहते हैं। उनकी बहन की शादी हुई। शादी के बाद जब वह पहली बार बहन के घर गए तो उनके आने की सूचना किसी ने ऐसे दी...भाभी...देखो नरेश भैया आए हैं। बस नरेश भैया का माथा ठनक गया...खैर रुककर जब वापस घर आए तो अपनी मां से बोले...महतारी जानेउ...ब्ट्यिावा केर घरइ गोमती नगर गएन रहैं...बिट्यावा केर देउर भाभी कहिके बुलाइस...हमार तबहीं माथा ठनक गवा...कि सार हमरी बहन का कौनो अइसउ बुलाई सकत है। खैर उनकी मां ने बताया कि बेटा ऐसा तुमको लगा है लेकिन बेटी को नहीं लगता है। क्योंकि उसको हमेशा से पता था कि एक दिन कोई उसको ऐसे पुकारेगा ही।

अंत में यही कहूंगा कि सानिया सानिया हैं। इसलिए उनको इसका कभी अहसास नहीं हुआ होगा कि कभी उनकी भी रिश्ते की डोर बंधेगी। कोई उनको भी किसी रिश्ते के नाम से पुकारेगा...भाभी...फुफ्फी...खाला...अम्मी...

1 comment:

rajiv said...

Dear Ashish abhi to sirf Bhabhi kaha hai...aage aage dekho hota hai kya